क्या सिर्फ सनातन धर्म ही सच है? (भाग 2)

पार्ट १ यहाँ क्लीक करें

क्यों मैं ईसाई हूँ? और मानता हूँ कि सिर्फ ईसाइयत जो है वो सत्य है।

सनातन सत्य को हम 'टाइम फ़्रेम' में यानी समय से हम जाँच नहीं सकते, तौल नहीं सकते वो कितना गलत है।

तो इस पृष्टि में हम देखेंगे क्या हिन्दुत्व या फिर कोई भी धर्म ईसाइयत हो या इस्लाम हो। वो सही है या झूठ है, तो उसका (Criteria) मानदंड क्या है? केवल वो पुराना होने से सच्चा नहीं होगा बहुत लोग उसे अनुसरण (follow) करते हैं इसलिए सच्चा नहीं होगा; उसकी तादाद ज्यादा है लोगों के मान्यता में इसलिए वो सच्चा होगा। ये नहीं कुछ ऐसे (Criteria) मानदंड है जो हमें बताएगा क्या वर्ल्डव्यू है, यानी कि वो धर्म सच्चा या झूठा है??

तीन टेस्ट हैं, तीन परीक्षाएं है वो वर्ल्डव्यू को, वो विश्वास को यानी कि वो धर्म को पास (सफल) करना चाहिए है यदि वो सच हैं।

1.क्या वो Logically Consistent है, मतलब उसके बयानों में विपरीत अपवाद नहीं होना चाहिए यदि वो किताबों को मैं पढ़ता हूँ; तो एक बात ऐसा कहता है और उसका दूसरा बात उसके विपरीत नहीं होना चाहिए।

2. Empirically Adequate होना चाहिए यानी कि  वो शिक्षा पाते है उस धर्म से, विश्वास से वो चीजों को हमें रियालिटी में हमें दुनिया में दिखाई देनी चाहिए है।

3. Existentially Relevant है यानी कि जो शिक्षा (Teaching) उस धर्म से उन किताबों से मिलती है, वो हमारे जीवन को कैसा जीना है? वो क्या सिखाती है? और हमारे जीवन में कैसा प्रभाव डालता है? वो जानना बहुत जरूरी हैं।

और तीनों परीक्षायों के साथ-साथ उस विश्वास को, उस धर्म को चार मुख्य सवालों का जवाब देना बहुत जरूरी है।

1. Origin मतलब सुरुवात, वो ये सवाल का जवाब देना चाहिए कि ये दुनिया कहाँ से सुरु हुई? कहाँ से आई? और मनुष्य कहाँ से आए?

2. Meaning यानी कि मक़सद "What is meaning of Life or purpose of Life" इन्सान के जीवन का मकसद और उद्देश्य क्या है?

3. Morality यानी कि नैतिकता हम किसके आधार पर, किसी चीज़ को सही या गलत कहेंगे?

4. Destiny हमारे मृत्यु के बाद हम कहाँ पर जायेंगे?

मैं क्यों मानता हूँ क्रिश्चियनिटी, बहुत सही है और मेरा बेस्ट चॉइस है, क्योंकि ईसाइयत में जो शिक्षा है वो Logically Consistent है, यानी कि उनकी कोई भी शिक्षा में आपस में प्रतिवाद नहीं है, वो (रियालिटी) सच्चाई को जैसा है वैसा ही प्रगट करता है, और वो इन्सान के कंडिशन से वो डायरेक्टली बात करता है।

उदारहरण.....

Origin: यानी कि मनुष्य कहाँ से आये; ये दुनिया कहाँ से आया??? जब हम बाइबिल में पढ़ते है उत्पत्ति की किताब में पता चलता है कि परमेश्वर ने इस पृथ्वी की सृष्टि की और मनुष्य की सृष्टि की।

Meaning: यानी कि मकसद, इन्सान का मकसद क्या है? परमेश्वर ने मनुष्य को इसलिए बनाया क्योंकि हम परमेश्वर के प्रेम को पाए; हम प्रेम को अनुभव करें, और हम परमेश्वर की महिमा करें।

Morality: नैतिकता वो हमें कहाँ से मिलता है?बाईबल हमको नैतिकता सिखाती हैं, वो कहती है,  तुम जितना अपने आप से प्रेम करते हो, उतना ही प्रेम  अपने पड़ोसी से भी करना। अगर ये बयान/दावा को कोई गंभीरता से लेगा, तो ये दुनिया में सच्चाई की बात करें तो कोई आपस में एक दूसरे को काटेगा नहीं, मारेगा नहीं, किसी पर दोष नहीं लगाएगा और, किसी को लूटेगा नहीं, और किसी का क़त्ल नहीं करेगा।

Destiny:  हमारे मृत्यु के बाद क्या होगा? इसका जवाब भी हमारे पास बाइबल में हैं, आश्वासन के साथ कि यदि हमनें यीशु मसीह को स्वीकार किया है, तो हमारे लिए स्वर्ग है, और जिन्होंने यीशु मसीह को इनकार किया है; उनके लिए स्वर्ग नहीं बल्कि दूसरा रास्ता है, जिसे नर्क कहा जाता है।

लेकिन जब हम हिन्दुत्व के बारे में बात करते है, आप ओरिजिन की बात कीजिये।
हिन्दुत्व मानता है, कि ये दुनिया जो है वो Eternal है, यानी कि सनातन है इसकी की सुरुवात कभी भी नहीं हुई। अगर हम विज्ञान (Science) की ओर चलते है, विज्ञान हमकों कहता है "Big Bang Theory" यह हमें बताता है कि दुनिया की सुरुवाती एक पर्टिकुलर पॉइंट्स से सुरु हुई थी और बाइबल से ये सहमत है। लेकिन हिन्दुत्व कहता है, कि वो (Eternal) सनातन है। तो, मनुष्य की सुरूवाती और दुनिया की सरूवाती ये ओरिजिन वाला सवाल हिंदुत्व दे नहीं पाता हैं। लेकिन इस्लाम में इसका सवाल आपको मिलता होगा, तो आपको ये (Confusion) भ्रम की स्तिथि होगी कि इस्लाम में तो है, तो क्या इस्लाम सही हैं?

Meaning: यानी कि जिंदगी का मकसद क्या है?
अगर जिंदगी का मकसद क्या है? आप जानेंगे  ईसाइयत में, मैं ने आपको पहले ही बताया, खुदा ने हमको इसलिए बनाया ताकि हम उनके प्रेम को पाए, उनके प्रेम को उन्होंने प्रकाशित किया है, और उसको अनुभव करने के लिए हमारी सृष्टि की है।

लेकिन हिन्दुत्व बारे में बात करेंगे, क्यों मनुष्य को बनाया गया? इसके काफी सारे बयान है वेदों में और सभी जगहों में और इन्सान सिर्फ अपने कर्मा को चुकाते रहता है।

लेकिन इस्लाम के बारे में बात करेंगे, हम कुरान में पढ़ते है कि अल्लाह ने मनुष्य को सिर्फ और सिर्फ उनकी सेवा करने के लिए यानी कि (Worship) आराधना करने के लिए बनाया और कुरान कहता है कि खुदा और मनुष्य का रिश्ता मालिक और नौकर वाला ही है, उससे बढ़कर नहीं हैं।

Morality: हमें कैसे पता चलेगा क्या सही है; या गलत है?? जब हम बाइबल में पढ़ते है यीशु मसीह के पवित्र जीवन से हमें पता चलता है कि हमारा उदाहरण क्या है? और मैं जितना जनता हूँ, यीशु मसीह के पवित्रता के तुलना में और कोई शख्स इस दुनिया में मैं नहीं जानता हूँ।

Destiny: मृत्यु के बाद हमारे साथ क्या होगा?
जैसे मैं ने बताया ईसाइयत में आपको आश्वासन देता है कि यीशु मसीह में आपको स्वर्ग राज्य में आप प्रवेश सकते हैं।

लेकिन जब हम हिन्दुत्व की बात करते हैं, लॉजिकली कर्मा वाला जो शिक्षा है वो कंसिस्टेन्ट नहीं है यानी कि आपका (Destiny) भाग्य क्या है? आपको पता नहीं आप सिर्फ़ कर्मा में गोल-गोल घूमते जाओगे मोक्ष कब होगा? आपका इसका कोई आश्वासन नहीं। और इस्लाम के बारे में बात करते हैं, इस्लाम भी कहता है कि मोहम्मद खुद कहते है कुरान में कि मुझे नहीं पता मेरे साथ क्या होगा?? हदीस में वो कहते हैं कि मेरा क्या होगा मुझे भी नहीं पता???


लेकिन आश्वासन, ईसाइयत में आपको मिलेगा बस केवल इतना नहीं, ये चार अल्टीमेट क्वेश्चन के साथ-साथ जो तीन परीक्षाएं मैं ने पहिले बताये वो परीक्षा भी जो है क्रिश्चियानिटी पास (सफल) करता है, और इसके साथ-साथ ईसाइयत दुनिया का एक मात्र विश्वास है, जिसका बुनियाद आपको केवल 'Theology' उसमें ही नहीं, बल्कि आपको ऐतिहासिक रूप में भी मिलेगा। हिस्टोरिकल रिकॉर्ड इतने स्ट्रॉन्ग है, बाकी कोई विश्वास का वर्ल्डव्यू का होगा; इसका कोई सबूत नहीं है, अगर आपके पास रहेगा तो शेयर कीजिये।

  "इसलिए मैं ईसाई हूँ।"
और इसी तरीके से आप भी जान सकते हैं, कि आपका विश्वास सच्चा है या झूठा है।

आप इस पृष्टि को दोबारा पढ़िए और समझने के कोशिश कीजिये अपने दोस्तों से शेयर कीजिये, यदि हाँ, आप यीशु मसीह को स्वीकार करना चाहते है; तो एक छोटा-सा प्रार्थना कीजिये।

'हे प्रभु यीशु मैं पापी हूँ मैं जानता हूँ कि खुद से कुछ कर नहीं सकता हूँ, मेरे जिन्दगी में आओ, मेरे जिन्दगी को बदल दो, मेरे जिन्दगी को आप ही चलाओ। ये प्रार्थना से प्रभु यीशु आपके जीवन में प्रवेश करेंगे और आपको भी आश्वासन देंगे। ओरिजिन हो गया है, जीवन की मीनिंग दे देंगे, मोरालिटी आपको बाइबल में मिल जाएगी, और डेस्टिनी आपका स्वर्ग होगा।

प्रभु आपको आशीष करें!
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-Francis Siluvai

7 comments:

  1. Wow....
    this is very helpful to me and will be others.
    God bls u...😇😇

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  2. Its really helpful..yes i m christen. .god bless u bhaiya

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  3. Absolutely Clear Understanding serves. Simple and solid strong points.
    Thank You Brother

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  4. Ye msg deke aapne hamari bahut help kari hai bhaiya ji ashli Christian koun hote hai is msg mai pta chal gya..mujhe garv hai ki ham sachche Christian hai..god bless you brother..🙏🙇‍♀️

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  6. इस आर्टिकल पर यदि कोई ईसाइ बंधु चर्चा करना चाहता है तो मैं नीचे फेसबुक का लिंक दे रहा हूं वहां आ जाए यदि आप वहां कमेंट नहीं कर पा रहे हो तो जिसकी यह आईडी है उसे मित्र निवेदन भेज कर चर्चा कर सकते हैं

    https://www.facebook.com/100034528492332/posts/361235501704063/?app=fbl

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  7. Rocky A J भाई आप भी सादर आमंत्रित हैं

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Thank you for reading this article/blog! We welcome and appreciate your opinion in the comments!