यदि
तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर
फेंक दे। (मत्ती 5:29)
अगर
तेरा आँख तुझे लालसा दिखाता है, या फिर तुझसे
पाप करवाता है तो तू
क्या कर? अपना आँख को निकालकर फेंक
दे, तू काना स्वर्ग
में प्रवेश कर; लेकिन दो आँख के
साथ नरक में प्रवेश मत कर, यह
वचन लिखा है। और वचन में
यह भी लिखा है,
अगर तेरा हाथ तुझे पाप करने में मजबूर करता है तो क्या
कर तू? उस हाथ को
काट कर फेंक दे।
सच
में इस वचन का
अर्थ समझना है?
यहाँ
पर यीशु मसीह यह बताने की
कोशिश कर रहे हैं कि
अगर आप शरीर में
एक कमी के साथ स्वर्ग
आ सकते है, लेकिन वह कमी को
घटाएँ बिना उसको वैसे ही परिपूर्ण रखकर
पाप के साथ स्वर्ग
में नहीं आ सकते उससे
बेहतर आप नरक में
चले जाओ।
यह यीशु मसीह का भयंकर शिक्षा है, वह बता रहे हैं कि एक पाप इंसान को किस प्रकार पुरे शरीर को लेकर वह क्या करेगा? नरक में चला जायेगा। उसका एक आँख ने पाप किया है न! किसने क्या पाप किया? वचन में क्या लिखा है? उसके एक आँख ने पाप किया लेकिन यह एक भाईसाहब के वजह से पूरा शरीर अंदर चला गया, दूसरा आँख बोलता है कि भाई तेरे गलती के वजह में भी अंदर, हाथ बोलता है मैंने तो कुछ नहीं किया, पैर बोल रहा है, दिल बोल रहा है मैंने तो कुछ नहीं किया; लेकिन वहाँ पर यह समझना ज़रूरी है जब एक अंग अपने आप को पाप के लिए सौंपता है, यह एक अंग दूसरे को कन्विंस कर ही लेता है।
इसीलिए
यीशु मसीह ने कहा, कि
अच्छा है तुम अपना
आँख को निकालकर फेंक
दो, तो कितने लोग
फेंकने वाले है? अपने आँख को निकालकर?
क्योंकि सुबह से लेकर रात तक तो हमारे आँखो में क्या क्या स्कैनिंग होती है वह तो आप लोग अच्छे से जानते हैं।
मोबाइल
खुलते ही स्कैनिंग, रोड
पर चलते ही स्कैनिंग, ऊपर
से नीचे स्कैनिंग, आगे पीछे स्कैनिंग सब चालू रहता
है। तो इस वचन
का यह मतलब है
"(This is Dangerous) यह
बहुत ख़तरनाक है" आप क्या करो?
या तो अपने आँख
को सम्भालो या तो आँख
को निकाल कर फेंको, तो
यीशु मसीह यह कह रहें है आँख को
सम्भालने के लिए उतना
मेहनत करो जहाँ पर आप को निकालने की
नौबत न आ जाये।
वह
आँख को निकालने का
नौबत न आ जाये;
उतना हद तक अपने
आपको क्या करो "सम्भाले रखो", और वचन में
लिखा है,"तुमनें पाप से अपने आपको
बचाए रखने के लिए खून
नहीं बहाया है" (इब्रानियों12:4)
क्या
हम ने कभी पाप
से दूर भागने के लिए खून
बहाया है? कि ब्रदर यह
पाप मैं नहीं करना चाहता था लेकिन मैं
खून बहाकर अपने आपको बचाना चाहता था लेकिन फिर
भी वह पाप में
गिर गया।
ऐसा कभी कोई पाप होते देखा क्या? ऐसा कोई है क्या?
बहुत
कोशिश किया ब्रदर! इतना कोशिश किया इतना कोशिश किया मेरे आँख से खून के
आँसू आ रहे थे
फिर भी मैं सोचा
कि, नहीं मैं देखूंगा नहीं, देखूँगा नहीं, मेरे दोस्तों
ने आकर मेरे आँखो के पर्दे को
खींचकर मुझे दिखाया। ऐसा कभी होता है क्या?
"नहीं न!"
यही वचन है, कि उतना हद तक मत जाओ जितना हद तक आपको अपने आँख को निकालना पड़े, उसके पहले ही आप क्या करो अपने आपको (कन्ट्रोल) नियंत्रण में रखो।
तो कुछ लोग बोलते है कि एकदम (Lofty Teaching) लॉफ्टी टीचिंग है, कुछ लोग इस शिक्षा का मज़ाक उड़ाते है जो गैर मसीही है, वह बोलते है कि ऐसा कैसा शिक्षा है?
लेकिन यहाँ पर क्या (डेंजर) भयंकर यीशु मसीह ने बताया है वह सिर्फ मसीही लोग समझ सकते है क्योंकि हम आत्मा से वचन को समझ रहे है।
Video Content: Glory Apologetics
Transcription: Amarjeet S
Transcription Correction: Sushma Gupta
👍👏👏
ReplyDeleteWell explained.....👌👌👌
ReplyDeleteNice brother
ReplyDeleteNice👌👌👌👌
ReplyDeleteWell explained
ReplyDeleteWell explained Bro
ReplyDelete👍🏻
ReplyDelete👍🏻
ReplyDelete✔️✔️✔️👍️ good explained
ReplyDelete👍nice brother achche bachan ko samjhane ke liye God bless you 🙏
ReplyDeleteThanks brother👍
ReplyDeleteWell said....brother
ReplyDeleteVery nice message brother
ReplyDeleteप्रभु की महिमा हो
God bless you
एकदम सही बताया ब्रदर। पाप पके हुए फोड़े जैसा है। डोक्टरको फोड़े मेंसे पस निकालना ही पड़ता है, ऊसी तरह अपने जीवन में से पाप निकालना ही पड़ेगा। पापको कबूल करके, पछतावा करके, और बादमें पाप से भाग निकले। जो चीज हदयमे इच्छाएं जगाती हैं, किसी प्रवृत्ति,या व्यक्ति उससे दूर हो जाना चाहिए। इश्वर से ज्यादा किसी ओर चीज से चाहने लगते हैं तो वह पाप ही है। Mark 8:36
ReplyDeleteधन्यवाद ब्रदर🙏
ReplyDeleteप्रभु आपको आशिषीत करे
Nice teachings
ReplyDelete👌
ReplyDelete👍👍👍
ReplyDeleteVery blessed video for my spritual Life
ReplyDelete👍👍👍❤️
Very blessed video for my spritual Life
ReplyDelete👍👍👍❤️
बहुत अच्छे तरीके से समझाया है आपने धन्यवाद god bless you
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