क्या यीशु भारत में आकर वेदों को सीखें?



क्या यीशु कश्मीर/भारत आए?

जय मसीह की भाई और बहनों मैं फ्रांसिस आप सभी का त्रिज्ञा परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह के नाम से स्वागत करता हूँ। यीशु मसीह एक ऐसे शख़्स हैं जिनके बिना सब कुछ अधूरा हैं : इतिहास अधूरा हैं, आत्मिकता अधूरा हैं, लोगों का प्रचार भी अधूरा हैं, क्यों मैं ऐसे कह रहा हूँ?? आप मुस्लिम को देखिए, उनके प्रचार में उनके दावा में उनको यीशु चाहिए। मोरमोंस को यीशु चाहिए, हरे कृष्णा वालों को भी यीशु चाहिए आजकल हर किसी को यीशु चाहिए क्योंकि यीशु के बिना सब कुछ अधूरा हैं और यह अच्छी बात हैं क्योंकि हमारा यीशु है युनिक, हमारा यीशु है, अलग हर कोई चाहेगा, कोई दिक्कत नहीं। लेकिन कुछ लोग हैं वो यह कहते हैं और यह साबित करने की कोशिश करते हैं, कि यीशु भारत आए थे।

राहुल आर्या :  देखिए, जब आपके ईसा मसीह जीसस ने इस्त्राएल में जब गए यहाँ से भारत आने से का प्रचार करके .... वेदों का शिक्षा अध्ययन करके वहाँ पर प्रचार करने के लिए जब गए........।

यह हैं न! चौकाने वाली बात जी, आज इसी बात पर हम थोड़ा नजर डालेंगे और देखेंगे कि सच क्या है? आगे बढ़ने से पहले हमें जानना जरूरी हैं कि यह सोच कहाँ से सुरू हुआ होगा? यदि आप बाइबल पढ़ते हैं तो आपने एक चीज़ देखा होगा। जब यीशु मसीह का उम्र बारह होता हैं वो तब दिखाई देते हैं फिर उसके बाद सीधा वह तीसवें उम्र में जब वो बपतिस्मा लेते हैं जब सेवा सुरू करने के लिए वहाँ पर दिखाई देते हैं। तो बारह से लेकर तीस लगभग सतरा से अठारह साल यीशु मसीह का जिंदगी कैसा था? यीशु मसीह कहाँ गए थे? यीशु मसीह ने क्या किया? ये सवाल बहुत सारें लोगों के मन में आया और यह सवाल को ढूँढने के लिए सुरू कर दिया। शायद, आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि यीशु कहाँ गए थे? मेरे मन में भी यह सवाल आया था। तो सवाल गलत नहीं हैं लेकिन कुछ लोगों ने यह कहना सुरू कर दिया कि यीशु मसीह भारत आए थे और कश्मीर आए थे। क्यों आए थे?? घूमने के लिए जी नहीं, उनका कहना हैं कि यीशु मसीह भारतीय गुरुओं से, और संतों से शिक्षा लेने के लिए भारत आए थे। यीशु education शिक्षा के लिए भारत आए वो कहते कि यीशु मसीह ने भारतीय गुरुओं से, संतों से और बाबाओं से प्रवचन कैसे देना हैं वो सीखा, शास्त्र को सीखा, वेदों को सीखा, ज्ञान वाले बातों को सीखा और वो अपने प्रदेश लौटकर यहाँ पर जो वेद, शास्त्र, ज्ञान, प्रवचन सीखा। वहाँ पर अपने लोगों को सिखया और चेलों को भी सिखाया। क्या यह सच हैं?? क्या वाक़ई में यीशु मसीह भारत आए थे, कश्मीर आए थे?? क्या उन्होंने यहाँ पर जो शिक्षा ली थी। वेद-शास्त्र की वो अपने प्रदेश में सिखाए, चेलों को सिखाए थे। क्या बाइबल में वहीं लिखा हैं?? यह सारे सवालों को जवाब जो हैं हमे बाइबल में ढूंढा बहुत जरूरी हैं, हमें जानना जरूरी हैं इस विषय में बाइबल क्या कहती हैं??

तो, बाइबल के आधार पर मैं आपको पाँच कारण बताना चाहूँगा। जिससे साफ़ साबित होता हैं कि यीशु मसीह भारत नहीं आए थे, कश्मीर नहीं आए थे।

पहिला कारण: यहूदियों की प्रथा थी जो व्यक्ति जो भी व्यापार करता था अपने बेटों को वो सीखता था उदाहरण के तौर पर अगर कोई लकड़े का काम करता था, सुतार का काम करता था तो, अपने बेटों को वो सिखाता था। अगर आप मरकुस की किताब 6:3 और मत्ती की किताब 13:55 पढ़ते हैं, इससे हमें साफ़-साफ़  पता चलता हैं कि यीशु मसीह को जो हैं लोग एक बढ़ई के नाम से, एक सुतार के नाम से, काफी समय से पहचानते थे। अब यह  वचनों को पढ़के देखिये, उसमें साफ़-साफ़ लिखा हैं लोग यीशु को देखकर कहते हैं ये तो वही बढ़ई हैं न!, ये तो वहीं सुतार हैं न! ये युसुफ का बेटा हैं न! ये तो मरियम का लड़का हैं न! जो सुतार का बेटा हैं इसका भाई यह हैं, इसके रिश्तेदार यह हैं, तो वहाँ के लोग यीशु मसीह को बचपन से जानने के कारण आसानी से पहचान पा रहे हैं थे कि ये वहीं यीशु हैं न! तो पहिले पॉइंट में मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि उस समय के लोग यीशु मसीह को बचपन से जानते थे और उसकी पहचान क्या है करके हम ने यह वचन में देख लिया इससे साफ़ साबित होता हैं कि यीशु मसीह कश्मीर नहीं आए यीशु मसीह भारत देश नहीं आए।

दूसरा कारण: दूसरी बात अगर आप लुका की किताब 4:16 पढ़ेंगे, उसमें आपको और भी सफ़ाई से पता चलेगा उसमें लिखा है रीति के अनुसार यानि कि हमेशा कि तरह यीशु मसीह भवन में गया। यह कैसे सम्भव हैं? अगर यीशु मसीह 12-30 उम्र यानी कि सतरा से अठारह साल उन्होंने अपना बचपन और थोड़ा-सा जवानी का समय भारत में बिताया होता। तो हमेशा की तरह भवन कैसा जा सकते थे?? सोचने वाली बात हैं और उसी वचन में लिखा हैं कि यीशु मसीह का पालन-पोषण जो हैं वो नासरत में हुआ तो ये वचन लुका 4:16 साफ़-साफ़ बताता हैं कि यीशु मसीह भारत नहीं आए कश्मीर नहीं आए। क्योंकि वो पले-बड़े पालन-पोषण वहीं पर था उनका नासरत में और हमेशा के जैसा वो नासरत में जाकर भवन में उपस्थित रहते थे।

तीसरा कारण: जब यीशु मसीह प्रचार कर रहे थे तो उस समय में जो लोग थे जो फरीसी लोग थे और बहुत सारें यीशु के विरोध करने वाले लोग थे। उन्होंने यीशु के ऊपर कई सारे इल्ज़ाम लगाए उन्होंने यीशु के ऊपर यह भी इल्ज़ाम लगाया कि तुम सब्त को तोड़ते हो परमेश्वर के विरोध बात करते हैं तुम ईश-निंदा करते हो, तुम्हारे अंदर शैतान की आत्मा है; ऐसे यीशु के ऊपर काफी सारे इल्ज़ाम लगे। लेकिन एक चीज़ आप देखिए, कि चारों सुसमाचार के किताब में ऐसा कोई भी इल्ज़ाम यीशु मसीह के ऊपर लगा नहीं कि तुम दूसरे प्रदेश के और दूसरे शास्त्र के शिक्षा को तुम यहाँ पर बाट रहे हो। तो, देखिए उनके विरोध करने वालों ने भी, कभी  उनको ये चीजों के ऊपर में इल्ज़ाम नहीं लगाया, दोष नहीं लगाया कि तुम भारत से सीखे हुए मंत्र को श्लोका को और ज्ञान को, और प्रवचन को यहाँ पर तुम बाटते हो करके, इससे साफ साबित होता हैं कि यीशु मसीह भारत भी नहीं आए यह मेरा तीसरा पॉइंट हैं।

चौथा कारण: अब यीशु मसीह के बारे में अगर आप देखोगे, तो यीशु मसीह पुराने नियम में तोरह में, भजन संहिता में और भविष्यद्वाक्ताओं के किताब में बहुत ही निपुण थे। आज के जमाने में स्कॉलर जो उस्ताद जो हैं पुराना नियम, इब्रानी ज़बान, तोरह और  भविष्यद्वाक्तायों की किताब को जाँचने के लिए सालों बिता देते हैं। लेकिन यीशु मसीह का जो ज्ञान था तोरह से और पुराने नियम से इतना ज्यादा था तो हमें सोचने में मजबूर करता हैं क्या वाक़ई में यीशु मसीह भारत में से शिक्षा लिए?? अगर यीशु मसीह भारत में से शिक्षा लिए तो भारत के वेद-शास्त्र में से कभी भी एक भी बात उन्होंने कोई भी वचन, कोई भी शास्त्र, कोई भी श्लोका मंत्रों को क्यों नहीं बोला?? क्यों यीशु मसीह के प्रचार में वो हमेशा पुराने नियम को ही संकेत करते थे पुराने नियम से ही बात करते थे। और मैं आपको ये चीज बताना चाहूँगा दोस्तों, कि ये जो यहूदी लोग है बहुत ही स्मार्ट हैं वो बहुत ही निपुण हैं वो आप किस तरीके से बात करते है उससे भी पहचान लेते हैं कि आप  कहाँ के हो। जब यीशु मसीह को पकड़के ले गए तो पतरस डर के भाग रहे थे (मत्ती 26:73)। तो, कुछ लोग खड़े थे तो उन्होंने सीधा पतरस को देखकर क्या कहा तुम्हारे बात करने के तरीके से हमको लगता है कि तुम उसके साथ हो देखो, कितने निपुण हैं वो, वो बात करने के तरीके से भी उनको पता चल जाता हैं। यदि यीशु भारत आए होते, सतारा-अठारह साल थोड़ा समय नहीं होता हैं दोस्तों, सतरा-अठारह में यीशु मसीह का बात करने का तरीका भी बदला होगा। यीशु मसीह पूरे के पूरे जो हैं वो यहूदियों का रीति-रिवाजों को वो करते आते थे पुराने नियम के बलिदानों को, पुराने नियम के त्याहारों को, फसल को सब अनुसरण करते थे लेकिन एक भी बार भारत देश में से सीखे हुए कोई भी कार्य को उन्होंने अनुसरण क्यों नहीं किया?? तो कहीं पर भी ऐसा प्रमाण नहीं हैं कि यीशु मसीह ने भारत में से शिक्षा लिया और वहाँ पर शिक्षा दिए कभी भी भारतीय वेद को उन्होंने संकेत नहीं किया यह मेरा चौथा पॉइंट हैं।

भारत का थोड़ा तो स्वाद होना चाहिए वहाँ पर जाने के बाद, कुछ भी नहीं हैं।

पाँचवा कारण: मैं आपको कहना चाहूँगा बढ़िया पॉइंट हैं, यीशु मसीह ने सिखाया परमेश्वर एक है जी हाँ, लेकिन भारत में जो गुरु हैं संत हैं उनका मानना क्या हैं भारत में तो तैतीस करोड़ परमेश्वर को मानते हैं।

कुछ लोग यह कहकर बहाना बनाएँगे तैतीस करोड़ नहीं तैतीस प्रकार हैं description में दिये लिंक का आर्गुमेंट साबित करता हैं तैतीस करोड़ ही हैं।

अभी हिन्दू खुद आपस में मिलकर निर्णय करें कितने है, चाहे कितने भी हो यीशु ने तैतीस करोड़ या तैतीस प्रकार के नहीं एक ही खुदा का प्रचार किया हैं।

भारत में गुरुओं और लोगों का मानना है कि खुदा ने कुदरत को बनाया कुदरत ही खुदा हैं आप भी खुदा हो सकते हैं तो यहाँ पर देखिए, खुदा का जो नजरिया है। परमेश्वर को जो जानने का ज्ञान हैं वो बिलकुल अलग नहीं हैं यहूदियों से परमेश्वर यीशु मसीह जो सीखाते थे वो अलग था और जो भारत देश के गुरु जो मानते हैं वो अलग हैं तो यह पाँच पॉइंट्स से मैं साफ साबित कर चुका हूँ, कि यीशु मसीह भारत देश में नहीं आए थे।

पहला पॉइंट यहूदी लोग और वहाँ के नासरत के लोग यीशु मसीह को पहचानते थे उनके व्यापार से और परिवार से।

दूसरा पॉइंट हमेशा की तरह यीशु मसीह भवन में जाया करते थे और उनका पालन-पोषण वहीं पर हुआ था।

तीसरा पॉइंट यीशु मसीह के दिनों में लोगो ने उनको बहुत सारे चीजों से दोष लगाया लेकिन कभी भी दूसरे प्रदेश के ज्ञान के बारे में शिक्षा देने के दोष में उनको कभी नहीं खड़ा किया।

चौथा पॉइंट यीशु मसीह हमेशा शास्त्र के नाम पर पुराने नियम से ही उन्होंने बाते बताई न कि दूसरे शास्त्र से, दूसरे वेद , दूसरे देश से।

पाँचव पॉइंट यीशु मसीह ने सिखाया एक परमेश्वर हैं लेकिन भारत के गुरु, संत मानते हैं कि बहत सारे खुदा हैं तैतीस करोड़ हैं आप भी खुदा बना सकते हैं मैं भी खुदा बन सकता हूँ।

क्यों यह झूठ फैल रहे हैं?? बाइबल हम पढ़ते हैं कि झूठो का पिता हैं कौन? शैतान हैं झूठ। वो चाहता है कि किसी भी हालत में हम रास्ता भटक जाये क्योंकि ये जितने भी लोग आकर कहते हैं यीशु नबी हैं, यीशु शैतान का भाई हैं और यीशु एक अच्छे शिक्षक हैं वो भारत आए थे कश्मीर गए थे तीबेत गए थे ग्रेकमिलियन  गए थे वो सारे चीज यह कहना चाहते हैं, कि यीशु एक व्यक्ति थे सिर्फ, नबी के रूप में, शिक्षक के रूप में, गुरु के रूप में लेकिन खुदा नहीं क्योंकि शैतान भी यहीं चाहता हैं कि आप अपना विश्वास छोड़ दे। जिस समय आप विश्वास छोड़ दोगे कि यीशु खुदा नहीं हैं करके उस समय शैतान का पूरा काम हो गया लेकिन हमारा परमेश्वर बहुत महान हैं उनका सत्य हमेशा अटल है उनका वचन हमेशा अटल है वो हमेशा अंधकार के ऊपर प्रबल होते हैं। और दोस्तों, अगर आपके मन में कभी भी ऐसा कोई भी सवाल आए तो आप तुरंत निर्णय न लीजिये आप बाइबल खोलिए, आप बाइबल को पढ़िये प्रार्थना कीजिये पवित्र आत्मा का सहायता   मांगिए। सारे झूठ दूर हो जाएँगे सत्य को जानिए और सत्य आपको छुड़ाएगा "यीशु ही खुदा हैं।"

पचास कारण पेश किया है यह साबित करते हुए कि यीशु ही खुदा है। आप उन पचास कारण को देखिए और सीखिए, लोगों को सिखाइए, सुसमाचार बांटिए।

"यीशु ही खुदा है" यीशु के अलावा उद्धार नहीं, पूरे आकाश में, निचे पृथ्वी में, कहीं पर भी यीशु के नाम के अलावा उद्धार नही है, और यह सत्य को जानिए। दोस्तों को बताइए यह सत्य आप को भी छुड़ाएगा, आपके दोस्तों को भी छुड़ाएगा।
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Transcription: Sushma Gupta
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6 comments:

  1. Thanks for message 👌👌

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  2. प्रभु यीशु मसीह के नाम में आप को जय मसीह की।
    फ्रांसिस भाई मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि आप ही ज्ञानवर्धक बातें हैं हमारे साथ साझा करते हैं यह हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है ताकि हम फालतू के ग्रुप के सामने सही तरीके से परमेश्वर को प्रभु यीशु मसीह को एवं परमेश्वर के वचन को पेश कर सकें और उनकी बातों का सीधा जवाब दे सके।

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  3. Bechara Rahul ariya bhavshya wani ka book red kar k bol raha hai.lakin bhavshya wani me isha putra k bare me baat kar raha hai.isha putra aur jesus Christ dono alag alag hai

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  4. जय मसीह की भाई जी प्रभु का धन्यवाद हो आज के वचन के लिए

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  5. Thanks brother aapne hame sahi tarike se prabhu yeshu ke baare mai bataya sach mai gamara pareshvar ek hi hai or bo jhuta nhi sachcha hai isliye hame bhi sachchai ka rasts chunna hai or prabhu ki aatma mai hokar kariye karna hai prabhu aap sabhi ko bahut si ashish de..amen🙏

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