लूत और उनकी बेटियाँ - पूरा सच (Lot & Daughters)



जय मसीह की मेरे प्रिय भाई-बहनों आप सभी को प्रभु यीशु मसीह के नाम से बधाई देता हूँ। और पिछले कुछ दिनों से आप देखते आ रहे हैं, कि किस प्रकार मसीह विरोधियों का विशेष तौर पर राहुल मलिक जैसे लोगों के सवालों का जवाब हम पेश करते आ रहे हैं, और बाइबल की सुन्दरता को हम जाँच रहे हैं।

जब हम बाइबल पढ़ते है उसकी परिपूर्णता में कॉन्टेक्स्ट में और सन्दर्भ में, तो हमें पता चलता है कि बाइबल की सुन्दरता क्या है? और इस प्रकार के लोग केवल बाइबल का मज़ाक बनाना चाहते हैं और उनके हृदय में जो गन्दगी है वह गन्दगी के साथ सब जगह गन्दगी ढूँढने के कारण उन्हें सिर्फ गन्दी चीजें नजर आती हैं।

तो चलिए, आज भी इस वीडियो के क्लिप में एक विशेष मुद्दें की ओर चलते है, जो राहुल मलिक जैसे लोग हमेशा आगे लेकर आते हैं।

राहुल आर्या: पैगम्बर लूत ने अपनी दोनों बेटियों को गर्भवती किया, यह विषय अत्यंत खराब होने के कारण छोड़ दिया..।

तो इस वीडियो क्लिप में राहुल मलिक ने कहा है कि पैगम्बर लूत ने अपने बेटियों को गर्भवती कर दिया और यह बहुत ही गन्दा विषय होने के कारण उन्होंने छोड़ दिया है, लेकिन उनके कुछ पहले वालें वीडियो में उन्होंने इन बातों का ज़िक्र किया है।

राहुल आर्या : ईसाइयों ने जो है अपने बाइबल में, ईसाइयों के बाइबल में, जो उत्पत्ति 19,20 उन में काफी यह चर्चा है। पैगम्बर लूत ने अपने ही बेटी के साथ ज़िना किया ज़िना समझते हो अर्थात अपने ही बेटियों के साथ उन्होंने सेक्स किया .............।

तो यह सवाल का जवाब हमें जानना बहुत जरूरी है और कुछ ईसाई यह भी पढ़ते समय में (Uncomfortable Feeling) असहज भावना आती है और जैसे मैं ने पिछले वीडियो में कहा, असहज भावना हमें तब आती है जब बाइबल को हम उसके सन्दर्भ में नहीं समझ पाते है। दोस्तों, जब भी हम बाइबल पढ़ते है और ऐसी कोई घटना आती है जिसे देखर आप असहज भावना लाते हो, तो आपको सब से पहला यह सवाल पूछना जरूरी है। क्या यह बाइबल इन चीजों को बढ़ावा दे रही है? इन चीजों को करने के लिए कह रही है? या फिर वहाँ पर (रोकॉर्डड्) दर्ज की गई है।

बाइबल की सुन्दरता यह है, बाइबल इतिहास में जो घटना हुईं हैं उन बातों को जैसा है वैसा ही (रिकॉर्ड) अभिलेख करता है, सामान्य रूप से धर्म ग्रथों में देखेंगे तो वो धर्म ग्रथों के जो शूरवीर होते है या फिर जो महापुरुष होते है उनके बारे में अच्छा-अच्छा ही लिखा जाता है और यह सच है इतिहास वही लिखते है जो जीतते है, जो हार जाते है वह इतिहास को लिखते नहीं हैं और ये चीज़ आप को देखने मिलता है राहुल मलिक के वीडियो में जब भी कोई गलत बात वेद में दिख जाए, मनुस्मृति में दिख जाए या फिर कोई भी उनके धर्म ग्रथों में दिख जाए वह कहते है कि ये मिलावट है, ये बदल दिया गया है, ये भी विशुद्ध है। "क्योंकि सत्य को सत्य जैसा प्रस्तुत करने के लिये किसी के पास हिम्मत नहीं है।" लेकिन बाइबल इतिहास में घड़ी हुईं कोई भी बात हो उसको ऐसे ही (रिकॉर्ड) अभिलेख करती है चाहे वह परमेश्वर की प्रजा का लज्जा होने वाली बात हो, परमेश्वर के नबियों ने जो गलत काम किया उसको भी वैसी ही अभिलेख करता है।

सब से पहले सवाल आपको पूछना है, क्या यह घटनाओं से बाइबल हमें यह शिक्षा देती है कि हमें भी उसे अनुसरण करना चाहिए? बिल्कुल नहीं, पूरे बाइबल में अगर आप पढ़ेंगे ऐसी चीजें आपको कहीं पर भी नहीं  मिलेंगी असल में बाइबल जो है लैव्यव्यवस्था में सफ़ाई से हमें यह आज्ञा देती है कि ऐसे प्रकार के सम्बन्ध में नहीं जुड़ना हैं माँ और बेटा या फिर पिता और बेटी।

आपने पिछले वीडियो में ये रेफरेन्स देखा होगा अगर नही देखा है तो वो वीडियो को एक बार देख लीजिए।

तो यह जो घटना है वो बाइबल में (रिकॉर्ड) अभिलेख किया गया है, (Suggest) सुझाव नहीं दिया गया है एक छोटा-सा उदाहरण देता हूँ आपको समझने के लिए और दूसरों को समझाने के लिये।
उदाहरण : एक न्यूज़ पेपर जब आप पढ़ते है, न्यूज़ पेपर में बहुत सारी घटनाएँ अभिलेख की जाती है बलात्कार के बारे में, क़त्ल के बारे में युद्ध  के बारे में, डकैती के बारे में, चोरी के बारे में, धोखा के बारे में, तो क्या यह कहेंगे कि देखों टाइम्स ऑफ इंडिया में या फिर मुंबई मिरर में या फिर कोई भी न्यूज़ पेपर में यह सारी बातें लिखी हुईं है; मतलब वो न्यूज़ चॅनल वाले, वो न्यूज़ पेपर वाले ये सब करने को कह रहे हैं??

तो आपको समझ में आ गया होगा इतने सरल तर्क से  कि लोग किस प्रकार बाइबल को गलत तरीके से समझते है। बाइबल में लिखा है न! इसका मतलब यह नहीं कि वह करना, वैसे ही न्यूज़ पेपर में जो लिखा है हमारे लिए वो जानकारी के लिए लिखी गई है आप सोच सकते हो इसमें क्या जानकारी हमें मिलती है? बहुत सारी चीजें आप इस घटनाओं से सिख सकते हो।

दूसरी बात, सन्दर्भ क्या है? आप इसको पढ़ सकते हो, उत्पत्ति 19 अध्याय में, जब उत्पत्ति की किताब 19 अध्याय आप पढ़ते हो वहाँ पर आपको एक घटना दिखाई देता है, एक कहानी आपको दिखाई देती है जहाँ पर बअब्राहम और लूत के बीच में बातचीत होती है और लूत जो है अपने लालसा के कारण जो चीज़ अच्छी दिखी उसी शहर में चले जाते। लेकिन जब हम बाइबल पढ़ते है, जो शहर को लूत ने चुना था "सदोम और अमोरा" वह जो पाप से भरा हुआ शहर है करके हम बाइबल में पढ़ते है तो ऐसा एक स्वार्थी मकसद ने लूत के स्वार्थी मकसद ने उसके आगे की जिंदगी को किस प्रकार बिगड़ा है।

आप 18,19 अध्याय में सब पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा।

किस प्रकार लूत को जो है, वो शहर छोड़ना पड़ा, उस शरह को आग से जला दिया गया और असल में लूत ने अपने पत्नी को भी गवाँ दिया। इतना ही नहीं लूत जो है परमेश्वर के नजरों में धर्मी ठहरने के कारण परमेश्वर ने लूत और उसके परिवार को तो बचाया लेकिन उसके पत्नी को खो दिया। जैसे ही लूत उस शरह से बाहर आ गए, लूत ने पहली गलती की थी "(Selfishness) स्वार्थपरता" की जहाँ पर उन्होंने आँख से दिखने वाली जगहों को चुना और दूसरा स्वार्थ का काम : गलत काम उन्होंने क्या किया? उन्होंने वहाँ पर शराब पी लिया और नशीले पदार्थ का सेवन कर लिया।

जब हम बाइबल में जाते है तो हमें पता चलता है कि, नीतिवचन 20:1 वचन में सफ़ाई से पता चलता है कि ऐसे नशीले चीजों के बारे में बाइबल हमें क्या कहती?

"दाखमधु ठट्ठा करनेवाले और मदिरा हल्ला मचानेवाली है; जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं (नीतिवचन20:1)।"

तो लूत ने यहाँ पर एक गलती की लेकिन वो गलती के बाद आगे क्या हुआ? आप पढ़ सकते हो, उत्पत्ति 19:30-33 तक, यहाँ पर एक घटना होती है वह घटना को हम पढ़ेंगे... "फिर लूत ने सोअर को छोड़ दिया, और पहाड़ पर अपनी दोनों बेटीयों समेत रहने लगा; क्योंकि वह सोअर में रहने से डरता था; इसलिए वह और उसकी दोनों बेटियाँ वहाँ एक गुफ़ा में रहने लगे (उत्पत्ति 19:30)।" तो यह जो सदोम और अमोरा के घटना के बाद लूत जो है डर कर अपने बेटियों के साथ वह पहाड़ पर रहने लगा। आगे पढ़ते है... "तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, "हमारा पिता बूढ़ा है, और पृथ्वी-भर में कोई ऐसा पुरुष नहीं जो संसार की रीति के अनुसार हमारे पास आए। इसलिये आ, हम अपने पिता को दाखमधु पिला कर, उसके साथ सोएँ, जिस से कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें। अतः उन्होंने उसी दिन रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, तब बड़ी बेटी जा कर अपने पिता के पास लेट गई; पर उसने न जाना, (लूत ने न जाना) कि वह कब लेटी, और कब उठ गई (उत्पत्ति19:31-33)।"

अगर आप पूरा पढ़ते जायेंगे आपको सब से पहला वचन में यह पता चलता है कि लूत की बेटियों का (Assumption) कल्पना यानी कि वो ये सोच में आ गई कि हमारा पीढ़ी आगे नहीं बढ़ेगा। यह सब से पहली उनकी गलती थी, उन्होंने परमेश्वर के हवालें अपने भविष्य को देने के बजाय उन्होंने खुद निर्णय लिया, मान लिया कि कोई भी व्यक्ति बचा नहीं है, कोई भी पुरुष बचा नहीं है, उनको लगता है कि सदोम-अमोरा खत्म मतलब पूरी दुनिया खत्म कोई भी पुरुष नहीं है लेकिन वहाँ पर उन्होंने मान लिया करके यह बहुत बड़ी गलती की और खुद का निर्णय हाथ में ले लिया।

दूसरा (Assumption) कल्पना के साथ-साथ हमने पढ़ा था उन्होंने अपने पिता को क्या किया? दाखमधु पिलाया और ये जब दाखमधु पिलाया इससे हमें पता चलता है यदि लूत अपने होश में होते तो यह कार्य करने नहीं देते तो दूसरा वो कार्य करवाने के लिए उन बेटियों ने क्या किया है? लूत को दाखमधु पिलाया, दूसरा हुआ "(Deception) डिसेप्शन यानी कि उसको धोखा दिया।

पहला हुआ (Assumption) कल्पना, दूसरा हुआ (Deception) धोखा, फिर हुआ (Action) क्रिया, मतलब उसके साथ पाप हुआ और लूत को पता ही नहीं चला। तो मैं यह नही कह रहा हूँ कि लूत जो है इस पाप के लिए (Innocent) बेगुनाह है। लूत ने शराब पीकर ऐसे पाप का दरवाजा खुला कर दिया है उसके अनजाने में यह सब होने के लिए और उसके बाद क्या हुआ?
उसके बाद पाप होने के बाद उसके द्वारा मोआब और अम्मोन जैसे पीढ़ी पैदा हुईं। कुछ लोगों को लगता है इसके बाद कुछ नहीं हुआ? बिल्कुल नहीं!, यह भयंकर पाप के कारण जो पीढ़ी उनके बेटियों के द्वारा आगे आई मोआब और अम्मोन यह हमेशा परमेश्वर के प्रजा के विरुद्ध रहते थे, उनको परेशान करते रहते थे और उनका क्या हुआ घटना अगर आप पूरा घटना पढेंगे (न्यायियों 3:29,30) में, किस प्रकार मोआब जाति को ढाया जा रहा था, किस प्रकार उनको मिटाया जा रहा था, क्योंकि ऐसे पाप से निकलने वाले पीढ़ी का विनाश जो है वो होगा ही। उसके बाद क्या हुआ? यह जो गलत तौर पर जन्मी हुईं ये पीढ़ी है वह पीढ़ी न कि परमेश्वर के विरुद्ध रहने लगे बल्कि वह अन्य देवताओं के पीछे चलने लगे केमोश और मिल्क़ोन (1 राजाओं 11:33)।

तो दोस्तों, यहाँ पर हमें यह घटना से यह पता चल रहा है कि बाइबल बाप बेटी के बीच में गलत रिश्ता को बढ़ावा नहीं दे रहा है, एक घटना घटी है और उस घटना को वैसे ही दिखाया गया है और यह घटना से हम ईसाइयों को क्या सिख मिलता है? सब से पहले जैसे लूत ने किया वैसे यह दाखमधु का सेवन करने से हम जो है अपना संयम छोड़ देते है और गलत कामों के लिए हम अनुमति देते है।

दूसरा लूत की बेटीयों ने मान लिया उनको लगा कि कोई परमेश्वर हमें मदत करने वाला, हमें हमारा भविष्य का तय खुद करना पड़ेगा आज लोग भी यहीं सोचते है कि हमारा भविष्य हमकों ही बनाना है इसलिए वो खुद निर्णय लेते है। किस प्रकार का उन्होंने निर्णय लिया?  गलत तरीके का निर्णय लिया उसके पिता को दाखमधु पिलाकर उनके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने का गलत निर्णय लिया। आज जवान भाई-बहन या फिर बहुत सारे लड़के लड़कियाँ ऐसे ही गलत निर्णय लेते है सोचते है कि भविष्य में मैं मेरा क्या होने वाला है मुझे पता नहीं और वो खुद गलत निर्णय लेकर अपने आप को धोखे में  डालकर साथ में व्यक्ति को धोखे में डालकर गलत सम्बन्ध बनाती हैं और उनके द्वारा जो पीढ़ी निकलती है। जैसे लूत के बेटियों के लिए और परमेश्वर के जातियों के लिए हमेशा वह तकलीफ़ दायक रहा, वैसे हमारा निर्णय अगर परमेश्वर की महिमा से नहीं है, परमेश्वर के मर्जी से नहीं है, खुद के मर्जी से, गलत तरीके से अगर तिरछे नजर से निकलते हुए परिणाम होंगे तो हमारे जिन्दगी में हमेशा, दर्द तकलीफ़ होती आयेगी। यही ये घटनाओं से हमें सीखने को मिलता है।

एक और बात मैं आपको बताना चाहूँगा लूत की बेटीयाँ अपने पिता से लालसा करके, लालच करके या फिर शारीरिक सम्बन्ध काम वेदना बढ़कर यह शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाई; उनका गलत कल्पना था कि आगे हमारी पीढ़ी क्या होगी? ये घटना हमें समझना बहुत जरूरी है हमारे प्रिय भाई बहनों मैं वापस से एक बार ये चीज़ को स्पष्ट करना चाहूँगा। बाइबल बातों को वैसे ही अभिलेख करती है जैसे घटी थी वह हटाएगी नहीं चाहे पढ़ने वालों को गन्दा लगे या अच्छा लगे जो घटना घटी उसे वैसे ही (रिकॉर्ड) अभिलेख करती है ताकि उन चीजों देखकर हम सुधार ला सकते है। (2 तीमुथियुस 3:16) वचन में लिखा है कि बाइबल का हर एक वचन हमारे शिक्षा के लिये, ताड़ने के लिये, सुधारने के लिये, और हमारे धर्म की शिक्षा के लिये लिखी गई है और इन चीजों से क्या क्या सीख सकते है? मैंने आपको संक्षेप में बताया और विस्तार में पढ़ सकते है और जो मसीह विरोधी है इन गहराई को नहीं समझ सकते। लेकिन आशा करता हूँ आप समझ गए होंगे, दूसरों को भी समझाए, बाइबल की सुन्दरता को जानिए। अगर आपको अभी तक नहीं समझा है फिर से एक बार पढ़िए और वीडियो को देखिए और आपको समझने में आसानी होगी।

"बाइबल सुन्दर है उसे सुन्दर नजर के साथ देखों, क्योंकि जो पवित्र दिल से परमेश्वर के पास आते हैं वह परमेश्वर को दर्शन करता है और साथ-साथ परमेश्वर के शुद्ध वचनों को भी जानता है।"

प्रभु आप सभी को आशीष करें!

---------------------------------------------------------------------
अधिक वीडियो के लिए यहां क्लिक करें
क्लिक करें
क्लिक करें

For More Articles Click Here

No comments:

Post a Comment

Thank you for reading this article/blog! We welcome and appreciate your opinion in the comments!