क्या आप एक मूर्ख या बुद्धिमान स्त्री हैं?



याकूब 3:14-17 में, हमें स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि एक मूर्ख और एक बुद्धिमान औरत कैसी होती है। दुःखद रूप से, हमारे इस संसार में बहुत सी मूर्ख औरतें हैं। वे परमेश्वर को नहीं जानती हैं और न ही उसकी आराधना करना चाहती हैं। वे अपनी खुद की ईश्वर बनना, अपने खुद के नियम बनाना और ऐसा जीवन जीना चाहती हैं जो उनको संतुष्ट करे। वे परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय, अपनी इच्छानुसार चलने के लिए परमेश्वर के वचन को भी गलत अर्थों में प्रस्तुत कर देती हैं।

पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्ड न करना, और न तो झूठ बोलना। यह ज्ञान वह नहीं, जो ऊपर से उतरता है वरन सांसारिक, और शारीरिक, और शैतानी है। इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्कर्म भी होता है। (याकूब 3:14-16)

1. मूर्ख स्त्रियाँ "कड़वी डाह/ईष्या" रखती हैं जैसाकि याकूब ने इसके संबंध में कहा है। जब मैं इंस्टाग्राम पर अपने बाथटब (नहाने का टब) की फोटो दिखाती हूँ तो वे स्त्रियाँ टिप्पणी (कमैंट्) करेंगी, "मैं निश्चित रूप से ऐसे बाथटब को बर्दाश्त नहीं कर सकती हूँ!" आज महिलाओं के बीच अत्यधिक कड़वी डाह/ईष्या है। "वे लालसा करती हैं और पाती नहीं।" इसीलिये परमेश्वर हमें जो हमारे पास है, उसी में संतुष्ट रहने की आज्ञा देता है। यदि आप अपने मन में किसी के रूप, वज़न, पति, घर, स्वास्थ्य या यहां तक कि बाथटब के लिए भी अत्यधिक डाह/ईष्या रखती हैं तो आप एक मूर्ख स्त्री हैं।

2. मूर्ख स्त्रियाँ "झगड़े" उत्पन्न करती हैं। वे दूसरों की झूठी निंदा करने व लोगों के बीच झगड़े/विवाद उत्पन्न कराने से आनंदित होती हैं। उनके घरों में शांति कम रहती है। वे स्वयं को सही ठहराने पर अड़ी रहने और अपने ही मार्ग को प्राप्त करने के कारण, अपने घरों को अपने ही हाथों से ढा देती हैं। वे अपने पतियों की अधीनता में रहने से इंकार करती हैं, परंतु इसके विपरीत बलपूर्वक अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करती हैं।

3. मूर्ख स्त्रियाँ "सांसारिक" होती हैं। सांसारिक स्त्रियाँ इस पृथ्वी की वस्तुओं से संबंध रखती हैं जिनमें घृणित और बुरी चीज़ें शामिल हैं। वे सांसारिक राज्य की स्त्रियाँ हैं न कि स्वर्गीय राज्य की, इसीलिए वे अपना जीवन केवल यहीं के लिए और वर्तमान के लिए और उन चीजों के लिए जीती हैं जिन्हें वे अपने लिए प्राप्त कर सकती हैं। "वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करती हैं" (फिलिप्पियों 3:19)। वे अपना धन स्वर्ग की बजाय पृथ्वी पर इकट्ठा करती हैं। वे संसार की मित्र और परमेश्वर की शत्रु होती हैं। वे उस प्रकार के कपड़े पहनती और व्यवहार करती हैं जो उनको भाता है, न कि प्रभु परमेश्वर को।

4. मूर्ख स्त्रियाँ "कामुक" होती हैं। 1828 वैबस्टर डिक्शनरी के अनुसार, "वे अपने भाव या पहचान की संतुष्टि के प्रति समर्पित हैं; जो इच्छाओं के भोग के लिए दे दी गई हैं।" वे इसकी परवाह किए बिना कि यह उनके स्वयं के लिए और दूसरों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है, अपने आपको अपनी सारी इच्छाओं को सौंप देती हैं। वे निर्लज्ज/उत्तेजित करने वाले(सैक्सी) कपड़े पहनती हैं जो दूसरी पत्नियों के पतियों को उत्तेजित करते हैं। वे अपने आपको बिना सोचे-समझे, अत्यधिक खाने, शराब पीने और अनैतिक यौन संबंध बनाने के लिए सौंप देती हैं।

5. मूर्ख स्त्रियाँ शैतानी होती हैं। "वे दुष्ट(शैतान) के लक्षणों को ग्रहण करने वाली; क्रूर; बहुत बुराई करने वाली और हानिकर; द्वेष करनेवाली होती हैं।" वे उस प्रकार की स्त्रियाँ नहीं होती हैं जिनकी मौज़ूदगी में आप रहना चाहेंगे क्योंकि वे विनाश करने से प्रसन्न रहती हैं। वे शैतान की प्रतिनिधि हैं और उसके कार्यों को कर रही हैं जोकि बाइबल में ईज़ेबेल का चरित्र है।

6. मूर्ख स्त्रियाँ "गड़बड़ी/भ्रम और हर बुरे काम" को उत्पन्न करती हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि अपनी संस्कृति या माहौल में इतनी गड़बड़ी(अस्तव्यस्तता) क्यों है? मूर्ख महिलाओं ने, परमेश्वर द्वारा उनके लिए ठहराई गई भूमिका में संतुष्ट न होने के कारण, अपने परिवारों को तबाह कर दिया है परंतु इसके विपरीत वे पुरुषों की भूमिका का पीछा करती हैं जिसके परिणामस्वरूप उनकी शादियाँ और बच्चे भी तबाह हो जाते हैं। इसने हमारी संस्कृति या माहौल में शासन प्रणाली से लेकर परिवार तक हर स्तर पर गड़बड़ी को पैदा कर दिया है। बच्चों को सिखाया जाता है कि वे जिस लिंग(पुरुष या स्त्री) को चाहते हैं उसे अपना सकते हैं! मैं इस बारे में निश्चित नहीं हूँ कि इससे अधिक गड़बड़ी और बुराई और क्या हो सकती है।

7. बुद्धिमान स्त्रियाँ पवित्र, शांतिपूर्ण, सभ्य, प्रार्थना/विनती के प्रति सहज, दया और अच्छे फलों से भरी, बिना भेदभाव, बिना ढोंग/कपट के और नम्र होती हैं (याकूब 3:17)। "भली पत्नी कौन पा सकता है? क्योंकि उसका मूल्य मूंगों से भी बहुत अधिक है" (नीतिवचन 31:10)। इस प्रकार की बुद्धिमान स्त्रियाँ सचमुच दुर्लभ हैं। वे हर प्रकार की बुराई के बीच रहने से बचती हैं। वे अपने घरों को भी इससे बचाती हैं। वे सभी पुरुषों के साथ शांति का पीछा करती हैं। वे इस बात को जानते हुए कि हम सभी के जीवनों में संघर्ष होते हैं, लोगों के साथ विनम्र होती हैं और इसलिए उनपर दया और अनुग्रह बरसाती हैं।

8. वे कलीसियाओं में अगुआ और शिक्षक नहीं होती हैं। नहीं, बल्कि वे शांत और पूरी अधीनता के साथ सीखती हैं। वे सादगी से कपड़े पहनती हैं और अच्छे कामों से अपने आपको संवारती हैं और अपने पतियों के अधीन रहती हैं। वे घर को संभालने के साथ, यदि वे ऐसा करने में समर्थ हैं, बच्चों को जन्म देने और उनका पालन पोषण करने से प्रेम करती हैं। वे परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपनी भूमिका से प्रेम करती हैं और एक स्त्री होने के लिए उसकी धन्यवादी होती हैं। उनमें पुरुषों से मुकाबला करने और उनके जैसे बनने की कोई इच्छा नहीं होती। वे एक स्त्री को जैसा उचित है, वैसा व्यवहार करने वाली बनना चाहती हैं जो अपने प्रभु और उद्धारकर्ता परमेश्वर की आज्ञा मानने और उसके लिए जीवन जीने के द्वारा उससे प्रेम करती हैं।

तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्पन्न होती है। याकूब 3:13

Credit: Lori Alexander(Transformed wife)
Translated by Shivani kandera

7 comments:

  1. This article really helped me to think about myself where I go wrong. Where I need to get myself corrected to please my Lord.

    Thank you GA Team. Glory to Jesus🤗

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  2. This article is very important and Helpful for me
    Thank you GA team God bless you

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  3. yes, women has great role in the godly family

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  4. God bless you all GA teem.

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  5. Gods bless you bhai Amen

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  6. This is Amazing specially 1st paragraph it's very important to correct our self in the christ I understand women can change everything when she change herself first. Thank you for great message it's very important for today's world where she want their authority it is very helpful for me god bless you.

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