मरकुस 16:17-18 का अर्थ और ज़ाकिर नाइक को जवाब

 मरकुस 16:17-18 का अर्थ और ज़ाकिर नाइक को जवाब

जय मसीह की भाईयों और बहनों आप सभी को त्रिज्ञा परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह के नाम से एक बार फिर से मैं स्वागत करता हूँ! आज इस विडीयों के द्वारा हम एक  और सवाल को देखेंगे; जो हर बार जो बाइबल को नहीं मानते हैं और यीशु खुदा है, यह बात को नहीं मानते है वह हमारे सामने लेकर आते हैं। वह सवाल जो है बाइबल से निकालते हैं वह हम पढ़ सकते है मरकुस के किताब 16:17-18, "जो मुझ में विश्वास करेंगे; उनमें यह चिह्न होंगे। वह मेरे नाम से दुष्टात्माओं को बाहर निकाल सकेंगे। वे नई-नई भाषाएँ बोलेंगे, वे अपने हाथों से साँप पकड लेगें और यदि वे विष भी पी जाए तो उनको हानि नहीं होगी, वे रोगियों पर अपने हाथ रखेंगे और वे चंगे हो जाएंगे।"

दोस्तों, यह वचन को जो है कई बार हमारे मुसलमान दोस्त और जो यीशु के दैविक्ता के ऊपर भरोसा नहीं करते है। वह एक आजमाइश के तौर पर, एक चुनौती के तौर पर हमारे सामने पेश करते हैं। अब यह चुनौती देखिए डॉ.ज़ाकिर नाइक ने भी उनके एक डिबेट में, उनके एक मुनाजरे में उन्होंने सामने लेके आया था और मुश्किल की बात यह है, कि बहुत सारे मसीही भाई जो हैं; ऐसे सवाल का जवाब कैसे देना है? वह नहीं जानने के कारण उनको लगता है कि बाइबल गलत हैं। तो आप देखिए कि डॉ. ज़ाकिर नाइक ने किस प्रकार यह  सवाल को पुछा था, उस मुनाजरे में....।

डॉ.ज़ाकिर नाइक : बाइबल में एक (Scientific) अजमाइशे है, कैसे पता चलेगा? सच्चे मानने वाले का यह जिक्र है, मरकुस की इंजील में 16:17-18 वह कहता है, कि सच्चे मानने वालों की कुछ निशानियाँ होंगी उनमें से चन्द निशानियाँ यह होंगी। यदि मेरे नाम से वह शैतान को मार भगाएंगे, वह लोग गैर मुल्क की जुवाने बोलेंगी, नई जुबानी वह अजहे काबू करेगें। अगर वह मरने वाला ज़हर भी पियेंगे। तो वह मरेंगे नहीं, अगर वह अपना हाथ बिमारों पर रखेंगे तो वह ठीक हो जाएंगे यह एक वैज्ञानिक आजमाइश है, वैज्ञानिक इस तरह में इसे किसी सच्चे और मोमिन ईसाई के परख के लिए तदिप अजमाइश कहा जाता है। मेरी जिंदगी के पिछले दस सालों में हजारों ईसाईयों के साथ मैं उठता बैठता हूँ। मेरे साथ ही तालुकात है वह मुझे अभी तक याद है। एक भी ऐसा ईसाई नहीं मिला, जो कि बाइबल कि इस तदिप करने वाली इस अजमाइश पर पुरा उतरता हो और मुझे अभी तक ऐसा एक भी इसाई नहीं मिला जिसने ज़हर पीया हो, एक भी इसाई ऐसा नहीं वह ज़हर पीये और वह मरे नहीं....।

दोस्तों! केवल डा.ज़ाकिर नाइक ही नहीं, आज बहुत सारे हमारे मुसलमान दोस्त हैं वह यही चेलेंज को  आजमाइश को लेकर हमारे पास आते हैं और कहते हैं कि यदि तुम सच्चे क्रिश्चियन हो तो तुम जेहर पीकर दिखाओ, तुम यह सारे कामों को करके दिखाओ क्योंकि यीशु ने तुमको बोला है न कि तुम यह सारे चीजें कर सकते हो।

दोस्तों दुख की बात यह कि आज बहुत सारे ऐसे अशिक्षित यानी कि बाइबल को नहीं समझने वाले  क्रिश्चियन है। यह चीजों को जो हैं वाकई में आजमा के देखते हैं और उनकी मौत भी हो जाती है। तो एक मुसलमान भाई ने जो हैं हमारे फेसबुक पेज पर एक लिंक पोस्ट किया था उसमें कोई पास्टर ने जो है अपने सभा के लोगों को जेहर पिलाया, विष पिलाया और वे लोग मर गए।

जी हाँ, दोस्तों! इतिहास में ऐसे बहुत सारे घटनाएं हुए हैं। जहाँ पर यह वचन को जो है, सचमुच बहुत सारे क्रिश्चयनस् लेकर आजमाने की कोशिश करने लगे। जैसे कि साँप को उठाना, एक पास्टर के नजरिए से शायद उन्होंने साँप को रखकर आराधना चलाया, साँप को दिखाकर बताया कि देखो मैं सच्चा विश्वासी हूँ, लेकिन एक दिन उस साँप ने उनको काट लिया और उनकी मौत हो गई।

तो दोस्तों यह वचन हमको कहना क्या चाहती हैं? बाइबल को उसके सुन्दरता में और उसके सन्दर्भ में नहीं पढ़ने के कारण हम ऐसे गलत आजमाइशों को लाकर उलझन पैदा कर सकते हैं; और लोगों को भी भरमा सकते हैं और यही तरीका डॉक्टर ज़ाकिर नाइक और बहुत सारे दावा प्रचारक जो है, वह इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह जब मैं लगभग 17-18 साल का था तो लोकल ट्रेन पर मैं सुसामाचार बाँट रहा था, ट्रेक्स बाँट रहा था तो अचानक से एक व्यक्ति ने भीड़ में सबके सामने मुझे बुलाया कि यहाँ आओ। तो मैं भी उनके पास गया सोच कर कि कुछ पुछेंगे यीशु मसीह के बारे में तो उन्होंने तुरन्त पुछा कि तुम्हारे पास बाइबल है क्या? तो मैं ने बोला हाँ मेरे पास बाइबल है तो बोला कि निकालो मरकुस 16:17-18 और उन्होंने सबके, सब लोग खड़े थे वहाँ पर भीड़ जमी हुई थी। ट्रेन के अन्दर चलती हुई ट्रेन के अन्दर उन्होंने बोला कि पढ़ो और मैंने वह वचन पढ़ा। पढ़ने के बाद उन्होंने पुछा कि क्या तुम इस बात पर भरोसा करते हो? अब उस समय में मुझे नहीं पता था कि यह वचन का अर्थ क्या है?, इस वचन को किस तरीक़े से समझना चाहिए। तो एक 17-18 साल का लड़का मैं क्या करता मैं प्रभु के जोश में कि मैंने बोला कि हाँ इस बात पर विश्वास करता हूँ। तो उसने सबके सामने मुझे चुनौती दिया, कि तुम सच्चाई से इस बात को मानते हो। तुम इसे पीकर दिखाओ, अब उस समय मुझे पता नहीं चला मुझे क्या करना चाहिए? यदि आज वह भाई साहब मिलते तो शायद से मैं उनको अच्छे से बाइबल के वचनों के आधार पर समझा सकता था कि इसका मतलब क्या है? खैर!, ऐसा चुनौती देने के बाद मेरे पास तो एक ही मौका बचा था, मैंने बोला ठीक है! मैं पिऊँगा लेकिन ऐसा हुआ कि वह भाई साहब बहुत विवस कर रहे हैं थे, कि तुम नहीं पी सकते हो। मैं विवश कर रहा हूँ कि मैं पी सकता हूँ। तो एक स्टेशन आया जैसे ही उनके साथ में उतरने की कोशिश किया, चलो अंकल मुझे जेहर पीलाओं मैं पी कर दिखाऊँगा यीशु के नाम से और सभी लोग देख रहें थे ट्रेन में और मैं बोल रहा था यीशु के नाम से मैं पिऊँगा। तो वह मेरे जोश के देख कर थोड़ा सा सोच में पड़ गए कि यह लड़का पागल तो नहीं हो गया; तो तुरन्त उसने मुझे ट्रेन के अन्दर धक्का देकर, नीचें उतर कर चलें गए।

तो दोस्तों मेरा कहने का मतलब यह है कि आज आप कहीं पर भी जाएंगे यीशु मसीह के बारे में बोलने के लिए, कुछ लोगों को प्रशिक्षण दी होती हैं कि भाई यह वचन को निकाल कर क्रिश्चयन को वार करो और उनको सवाल पुछो और उनको जाँचों कि उनको बाइबल आता है या नहीं आता है, अगर आता भी है तो उनका बाइबल गलत है।

तो दोस्तों मैं सीधा जवाब में आना चाहूँगा कि मरकुस 16:17-18 में हमें क्या सीख मिलता है? वह वाकई में वचन कहती क्या है? यह जवाब को है जो मैं दो भाग में रखना चाहूँगा। पहिला: एक मैं आपको सवाल का सीधा जवाब पेश करुँगा बाइबल से और उसका अर्थ समझाऊँगा। दुसरा: जो तरीक़े से मुसलमान दोस्त हमारे पास यह सवाल को लेकर आये हैं। मैं भी वही तरीका इस्तेमाल करुँगा, यह विडीयों में एक चुनौती उनको भी दूँगा। एक आजमाइश उनके लिए भी है और मेरे दूसरे वाले विडीयों में इसके बाद जो अपलोड करुँगा वह वाले विडीयों में उन्हीं के किताब से और ऐसे ही बहुत सारे चुनौती मैं उनके सामने रखूँगा। देखेंगे! कि क्या वह उस चुनौती को स्वीकार करते हैं या फिर वह उनके किताब को वह गलत मानते हैं। तो यह रहा मेरा जवाब…

दोस्तों, जब भी हम वचन को पढ़ते हैं हमें जानने की जरुरत है कि जब यीशु मसीह अपने चेलो को देख कर कह रहे थे कि तुम जाकर सुसामाचार सुनाओ। तो वह अपने चेलों को यह आज्ञा दे रहे थे कि तुम ऐसे-ऐसे जगहों में जाओगे; तुम्हें पता नहीं होगा कि क्या खाने के लिए मिलेगा, क्या पहनने के लिए मिलेगा, वहाँ पर परिस्थिति कैसी होगी? तो यीशु मसीह जो हैं वहाँ पर उनको एक वादा कर रहे हैं, पवित्र आत्मा का एक तौफा दे रहे हैं, गिफ्ट दे रहे हैं। यीशु मसीह यह नहीं कह रहे हैं कि तुम जाओ, जाकर जहाँ-जहाँ साँप मिलेगा उसे उठा लो जहाँ-जहाँ जेहर मिलेगा उसे पीलो और जाकर जादु का खेल या फिर जादु वाला कोई मनोरंजन कार्यक्रम करों। "यीशु ने यह नहीं कहा, यीशु उनको  वादा कर रहे हैं कि जब तुम सुसामाचार सुनाने जाओगे इस दुनिया में सच्चे विश्वासी के रुप में तो अनजाने में तुम्हारे विरोध कुछ गलत काम आ जायेगी; तो उस गलत चीजों में परमेश्वर का हाथ तुम्हारे साथ रहेगा और वह तुम्हें बचायेगा।"

तो दोस्तों यह एक आजमाइश नहीं है, बल्कि यह परमेश्वर का वादा है उनके सच्चे लोगों के लिए। यह जो मरकुस 16:17-18 वा वचन में हम देखते है ठीक उसी प्रकार का एक वादा हम पुराने नियम में भी देख सकते है। भजन संहिता 91:13 में देख सकते है, जहाँ पर लिखा है कि तुम बिच्छुओं को रोंदोगे, तुम ताकतवर शेरों के ऊपर चलोगे यह वचन लिखा है।

तो दोस्तों पुराने नियम में जरा पढ़कर देखिए, क्या कोई भी नबी, कोई भी भविष्यद्वक्ता यह वचन को लेकर भजन संहिता 91:13 वा वचन को लेकर जंगलों में जाकर साँपो को पकड़ना, बिच्छुओं को पकड़ना बिच्छुओं को पकड़कर निचोड़ना और शेरो के साथ खेलना। ऐसा किया उन्होंने? क्या उन्होंने परमेश्वर के वादा को निकाल कर परमेश्वर को ही उन्होंने आजमाइश मेंडाला? परमेश्वर को ही उन्होंने कसौटी में डाला? 'नहीं!' लेकिन शैतान जब यीशु मसीह से बात करने के लिए आया था जब यीशु मसीह चालीस दिन के उपवास में, उस जंगल में थे शैतान उनके पास आया और वही शैतान वही तकनीक यीशु मसीह के पास इस्तेमाल करके कहा, कि यदि तुम खुदा हो तो इस पत्थर को रोटी बना कर खालों, क्या करो? तुम ऊपर से कुद जाओ क्योंकि वचन में तो लिखा है। लेकिन यीशु मसीह ने क्या जवाब दिया? यीशु मसीह ने कड़ाड़ा जवाब दिया उस शैतान को लुका के किताब 4:12 वा वचन में हम पढ़ते हैं कि तुम्हारे खुदा की परीक्षा न लो।

हाँ दोस्तों, यह हम पुराने नियम में भी पड़ते हैं, नये नियम में भी पड़ते हैं खुदा की परीक्षा नहीं लेना चाहिए हमें खुदा की आजमाइश नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि खुदा जब वादा करता है वह सही समय में पुरा करता है। तो क्या यह वादा पूरा हुआ? जी हाँ! हम दानिय्येल  कि जिंदगी में देख सकते है। दानिय्येल की किताब में 6 अध्याय में देखते हैं कि जब दानिय्येल को शेरों के गुफा में डाल दिया गया तो कोई भी शेर ने उनको हानि नहीं पहूँचाया। तो क्या दानिय्येल उसके पहले भजन संहिता 91:13 के अनुसार जंगलों में जाकर जबरदस्ती शेरों को ढूँढ ढूँढ कर उनके साथ लड़ाई करने गए कि देखों हाँ खुदा ने कह दिया है तो वह मुझे कुछ होने नहीं देगा। “नहीं” ऐसे अचानक से आने वाले परिस्थिति में, माहौल में प्रभु यीशु जो हैं अपने बच्चों को सम्भालते हैं, बचाते हैं वह है पवित्र आत्मा का वादा और नये नियम में भी क्या मरकुस 16:17-18 वा वचन का पुर्ती हम देखते हैं। जी बिल्कुल देखते हैं! आप देखिए प्रेरितो की किताब 2 अध्याय पढ़ कर देखिए, "लोग भिन्न-भिन्न भाषा में बोलते हैं आज भी कितने सच्ची मसीह लोग हैं वह भिन्न-भिन्न भाषा, अन्य भाषा में बोलते हैं। तो यह परिपूर्णता है उस वादा का।"

दुसरा आप प्रेरितों की किताब 5 अध्याय पढ़ के देखिये, "वहाँ पर भारी मात्रा में यीशु के चेलो ने जो है चमत्कार के काम किए और बड़े बड़े काम किए।" जैसे मरकुस 16:17-18 वचन में लिखा है। "मरे हुओं को जिलाना और जो लंगडे है, लूले है, लाचार हैं, बिमार हैं उनको चंगा करना और उससे भी बढ़ कर 19 अध्याय में आप देख सकते हो; कि पौलुस कितना करते हैं, पौलुस का गमछा गिरने पर कपडा गिरने पर लोग चंगे हो रहे हैं। तो "यह परिपुर्णता है" दोस्तों और उसी प्रकार अगर आप प्रेरितों के काम में 28 वा अध्याय में पढ़ेंगे, जब एक बार पौलुस जो है लकड़ी को जमा कर रहे थे तो अचानक से लकड़े के जलने के गर्मी से जो है वह साँप बाहर निकल आया और उनके हाथ में लिपट लिया। तो लोगों ने कहा कि यह खुनी है तो इसके वजह से इसके हाथ में वह साँप लिपट लिया है, करके लेकिन वहाँ पर क्या हुआ? पौलुस ने उसको झटक दिया। तो इसका मतलब यह नहीं कि हाँ, मरकुस 16:17-18 में लिख दिया करके कि 'मैं जंगल में जाऊँगा और जहाँ-जहाँ साँप मिले मैं अपने हाथ में लिपट लूँगा और दुसरो को मैं जादु का खेल दिखाऊँगा, देखों मुझे कुछ हुआ नहीं मैं सच्चा  विश्वासी हूँ।

तो दोस्तों यह सही समय पर जो है, यह वादा जो है पुरा होता है। यही चीज हम देखते हैं; "आजमाइश नहीं है" तो जितने भी लोग यह सवाल को लेकर आते हैं उनको हम एक चीज कहेंगे, "खुदा को आजमाना नहीं।" लेकिन अगर सच्चे विश्वासी के तौर पर कोई ऐसे स्थिति में परिस्थिति में अनजाने में कोई जहरीला वस्तु भी खा लेंगे या फिर साँप का सामना करना पडे़। प्रभु यीशु मसीह अपने पवित्र आत्मा के वादा के अनुसार जरूर सम्भालेंगे। तो दोस्तों "यह वादा है", यह आजमाइश नहीं। लेकिन जब हम आजमाइश के बारे में बात करते हैं, तो हमें हदीस के तरफ चलना चाहिए, क्योंकि हदीस में जब मैं पढ़ रहा था तो एक हदीस है शरीफ अल बुखारी का 7 किताब 65 हदिस न. 356 बुखारी  7:65/356 

दोस्तों यह हदिस में लिखा है अगर कोई व्यक्ति सुबह सात अजवे यानी कि साथ खजुर बीज को खाता है। तो वह दिन उसके ऊपर कोई भी चीज हावी नहीं हो सकती हैं, ज़हर भी नहीं।

दोस्तों, (मरकुस 16:17-18) तो परमेश्वर का वादा है, उसका जवाब मैंने आपको समझा दिया कि परमेश्वर की आजमाइश नहीं करनी है। खुदा को परीक्षा को में नहीं डालना है; लेकिन यहाँ पर मोहम्मद साहब ने एक दवाई बताया है। दवाई को क्या करना चाहिए? स्वाद करना चाहिए तो अगर हमसे कोई आकर चुनौती करता है कि तुम ज़हर पीकर दिखाओं। सच्चे क्रिश्चयन हो या नहीं, तो मैं आप को खुली चुनौती देना चाहूँगा। आप सुबह के समय में सात खजुर या सात अजवे खा लिजिए और उसके बाद ज़हर को पी लिजिए। अगर आप नहीं मरेंगे तो मैं मान जाऊँगा कि आप सच्चे मुसलमान हैं।

दोस्तों, बस इतना ही नहीं हदीस में और भी बहुत सारे दवाइयाँ हैं जो मोहम्मद साहब ने बताई हैं, जिसे हमें जाँच करना चाहिए। अगर वह सच नहीं है वह झूठ है तो आप को सोच लेना चाहिए; कि क्या वाकई में यह खुदा से आने वाली चीजें हैं या फिर मन में आने वाली बातें हैं। तो मेरे अगले विडीयों में जो है मैं आपको ऐसी हदीस में से कुछ ऐसे दवाइयों को दिखाना चाहूँगा मैं चुनौती देना चाहूँगा उन लोगों को जो हमें चुनौती करते हैं, कि विष पीओ; उन लोगों को चुनौती करना चाहूँगा कि तुम अगर सच्चे मुसलमान हो तो यह करके दिखाओं।

आखिर में एक छोटा सा उदाहरण देकर, मैं आप को  बताना चाहूँगा कि यह वचन का सुन्दरता क्या है?

दोस्तों, अगर आप एक लेपटॉप खरीदते हैं या फिर कोई एक इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदते हैं तो उसमें समझिये आपको दो साल की ऑरान्टी आती हैं। वहाँ पर कम्पनी वाले कहते हैं, कि अगर उसमें कुछ बिगड़ गया तो हम वह दो साल की या एक साल की ऑरान्टी में कवर देगें। लेकिन ऑरान्टी यह जो है वादा हैं वह कम्पनी का लेकिन ऑरान्टी को पाकर अगर आप उस मोबाइल को खोल कर उसके पार्टस वगैरा निकाल कर उसमें सॉफ्टवेयर की कोडिंग वगैरा कर कर अगर आप उसको बिगाड़ते है और फिर उस कम्पनी वाले के पास लेकर जायेंगे है तो वह क्या कहेगा? वह बोलेगा कि मैंने आपको ऑरान्टी दिया था; वादा किया था अगर अपने आप से वह खराब होगा, तो मैं सम्भालूँगा। तो अगर आपको कोई कहता है कि यदि तुम गिर जाओगे तुम्हारे गिरने के समय में आकर तुमको पकडूँगा। लेकिन मैं जानबुझ कर बिगाड़कर या फिर जान बुझकर नीचें गिराकर तौड़कर मैं आशा करुँगा कि सामनेवाला उसका जिम्मेदारी लें।

तो इसे हम क्या कहेंगे? दोस्तों, मैं कहूँगा कि आप बाइबल को अपने सुन्दरता और अपने सन्दर्भ में समझिए। "मरकुस 16:17-18 वा वचन मुझ जैसे और सच्चे क्रिश्चयन भाईयों के लिए एक वादा है; हर स्थिति में पवित्र आत्मा का हाथ हमारे साथ रहेगा। चाहें कुछ भी हो जाए, आन्धी आए, तुफान आए या फिर ऐसे विष भरें कार्य हमारे जीवन में आए, पवित्र आत्मा हमारा साथ देगा। कभी नहीं छोड़ेगा।"

आप भी प्रभु यीशु पर विश्वास कीजिए और अगले विडीयों में मैं कुछ चुनौती उठाऊँगा। हदीस में से, देखिए और अपने आपको सिखाइये और दूसरों को भी सिखाइये।

प्रभु आपको आशीष करें!

Transcription by Nini Pandit

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