क्या सिर्फ सनातन धर्म ही सच है? (भाग 1)


हिन्दुत्व अपने आप में दावा करता है, कि वो सनातन धर्म है यानी "Eternal Religion (इटरनल रिलिजन)" है। और बाकी धर्म कुछ ही साल पहले आने के कारण वो सच नहीं हैं। और सत्य उनमें नहीं है, और सबसे पुराना धर्म होने के कारण वो सच्चा है, और महान है, और कई हमारे हिन्दू भाईयों से बात करते समय वो भी कहते है, कि देखों भाई हमारा जो धर्म है; वो सनातन है दुनिया का सब से पुराना धर्म है। लेकिन आपके ईसाइयत का क्या? वो केवल दो हज़ार साल पहले आया। तो हमारा धर्म महान है, श्रेष्ठ है और सच्चा है।

तो इस पृष्टि में इस बयान को देखेंगे जो कहते है, "Oldest is Greatest and Truest" यानी पुराना है तो महान है, और सच्चा है।

1.आगे बढ़ने से पहले हम यह भी जान लेंगे कि हिन्दुत्व ये बात से भी सहमत है, और कहता है कि जो "Eternity(एटर्निटी)" यानी सत्य है, वो भी 'इटरनल' सनातन है। और वो इस बात को कहते है। "सनातन सत्य"

1.यदि सत्य सनातन है, तो उस समय के सीमा में सीमित नहीं है। इसलिए उसे हम कैलेंडर, समय, साल वर्ष, इसमें हम तौल नही सकते; माप नहीं सकते तो क्या ये कहना बिल्कुल गलत हो जाएगा कि पुराना है तो सत्य होगा, और सच्चा होगा।

2.यदि सत्य सनातन है तो अनित्य मनुष्य जो विनाश होने वाला मनुष्य है, खुद के ताकत से वो उसे बना नहीं सकता, पा नहीं सकता, और पहचान नहीं सकता।

3.अगर सत्य सनातन है, तो केवल वो इन्सान को 'रहस्योद्घाटन' से यानी 'Revelation' प्रगटीकरण से प्राप्त होगा, पता चलेगा।

4.यदि सत्य लगातार मनुष्यों को कुछ साल पहले ही मिलती आ रही है। तो इसका मतलब यह नहीं है, कि उसके पहले उस सत्य का अस्तित्व नहीं था। क्योंकि हमने सत्य का परिभाषा देखा है, वो सनातन है

उदाहरण. हम सब जानते है 'Issac Newton' (आइजैक न्यूटन) को जिन्होंने "Gravitational Force" Discover किया; जिसको हिन्दी में गुरुत्वाकर्षण कहते है। यानी जो धरती में खिंचाव शक्ति है, ये जो Discovery है उन्होंने लगभग 200 साल पहले किया था। तो क्या इसका मतलब यह है कि उनके अनुसंधान (Research) के पहले, उनके पहचान के पहले वो गुरुत्वाकर्षण यानी 'Gravitational Force' का अस्तित्व नहीं था।

2.जब तक ये बात Discover नहीं किया गया , पढ़ाई नहीं किया गया कि दुनिया गोल है, पुराने जमाने से कई सालों से लोग ये मानते आ रहे थे। कि पृथ्वी समतल (Flat) है; तो क्या हम पुराना ( Belief) मत है, काफी समय से लोग मानते है; तो क्या हम मानने लगेंगे?

अगर ये लॉजिक हम लेके चलते हैं पुराना सत्य है, पुराना महान है तो हमको बहुत सारे ऐसे पुराने बातों को मानने पढ़ेंगे। जो कि झूठे और बेबुनियाद है तो ये कहना बहुत गलत हो जाएगा; कि जो पुराना है वो सत्य है क्योंकि सच है, क्योंकि सनातन चिजों का समय का लेना देना नहीं है। उस समय से ही बाहर होता है

और ये जो बयान है कि (Christianity) ईसाइयत लगभग दो हजार साल पहले आया मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहूँगा मेरे ईसाईयों और हिन्दू भाइयों को कि बाइबल की सरूवाती जो है वो उत्पत्ति की किताब पहले अध्याय पहला वचन Space, Time, Matter जगह, काल, वजह दुनिया की सृष्टि से सुरु होता है न की बीच में से।

दूसरी बात यीशु मसीह जो हैं, वो सृष्टिकर्ता है हम बाइबल में पढ़ सकते है।

सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ, और जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई। (यूहन्ना 1:3)

वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है। क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। वही सब वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं। (कुलुस्सियों 1:15-17)

"हे हमारे प्रभु और परमेश्वर, तू ही महिमा और आदर और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएँ सृजी और वे तेरी ही इच्छा से थीं और सृजी गईं।" (प्रकाशितवाक्य 4:11)

तो यीशु मसीह सृष्टिकर्ता होने के कारण यीशु मसीह सनातन है, यीशु मसीह सनातन खुदा हैं और ये खुदा, ये परमेश्वर दो हजार साल पहले मनुष्य बनकर इस पृथ्वी पर आया हम इसको इब्रानियों 1:1-2 पढ़ सकते है "पूर्व युग में परमेश्वर ने बापदादों से थोड़ा थोड़ा करके कर भाँति-भाँति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर, इन अन्तिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बात कीं, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टी की रचना की है।" तो पमेश्वर जो है सनातन है, यीशु मसीह सनातन है क्योंकि वो सृष्टीकर्ता है, वो इस पृथ्वी पर जन्म लेने के बाद उन्होंने दावा किया यूहन्ना 14:6 "मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ।"

तो सनातन परमेश्वर दावा करता है कि "सत्य मैं हूँ;" तो वो "सनातन सत्य है।" और उस दावा को उन्होंने केवल दावा नहीं रखा, बल्कि भविष्यवाणियों को पूरा करके, और पवित्र जीवन जीकर; उनके सारे बयानों को पूर्ति करके, मरकर तीसरे दिन दोबारा जीवित उठकर उन्होंने साबित किया, और वो "सनातन सत्य यीशु मसीह है।"

तो जो हिन्दुत्व का दावा है कि जो पुराना है, तो सच्चा और महान है तो मैं आपको बताना चाहूँगा। सनातन सत्य जो है वो समय से सीमित नहीं है, और ये कहना बहुत गलत हो जाएगा कि समय और कैलेंडर के हिसाब से कोई चीज़ सत्य है या फिर वो झूठ है।
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-Francis Siluvai

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